Oppo: 2025 की वर्ल्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कॉन्फ्रेंस (WAIC) और ग्लोबल एआई गवर्नेंस समिट में OPPO ने अपनी अगली पीढ़ी की AI रणनीति को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस कार्यक्रम में OPPO के इंटेलिजेंट असिस्टेंट डिपार्टमेंट के जनरल मैनेजर और Xiaobu Assistant के हेड वान यूलोंग ने हिस्सा लिया और एक विचारशील भाषण भी दिया।
वान यूलोंग ने बताया कि OPPO अब AI को केवल ‘टूल’ मानने के बजाय उसे यूज़र का ‘इंटेलिजेंट पर्सनल असिस्टेंट’ बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी का नया फोकस है “1+3 AI कोर सीनारियो”, जिसमें यूज़र को efficiency और exclusivity के साथ स्मार्ट अनुभव देने की बात कही गई।
AI टेक्नोलॉजी सिर्फ डेटा नहीं, असली ज़िंदगी बदलने का ज़रिया है
OPPO का मानना है कि AI की असली सफलता इस बात में है कि वह आम लोगों की ज़िंदगी को कितना बेहतर बना पाती है – चाहे वह फोन चलाने का तरीका हो या डिवाइस से जुड़ी पर्सनलाइज्ड फैसिलिटीज़। इस सोच के साथ, कंपनी ने अपनी नई तकनीक भी पेश की।
नई AI डिकोडिंग टेक्नोलॉजी – 8 गुना तेज़ प्रोसेसिंग
OPPO ने अपने चिप पार्टनर्स के साथ मिलकर एक नई edge-side AI parallel decoding acceleration टेक्नोलॉजी विकसित की है। यह तकनीक नए चिप प्लेटफॉर्म पर 8 गुना तेज़ डिकोडिंग की क्षमता रखती है। इसका मतलब है कि स्मार्टफोन या अन्य डिवाइसेज़ पर अब AI से जुड़े टास्क – जैसे रियल-टाइम अनुवाद, कैमरा सीन डिटेक्शन या वॉयस असिस्टेंट – कहीं ज़्यादा तेजी से काम करेंगे।
क्या होगा असर यूज़र्स पर?
इससे क्या फ़ायदा हो सकता है OPPO डिवाइसेज़ अब ज्यादा तेज़, ज़्यादा स्मार्ट और आपके यूज़ पैटर्न के अनुसार खुद को ढालने वाला बन जाएगा यूज़र को मिलेगी एक पर्सनल AI असिस्टेंट जैसी फील – जो न सिर्फ तेज़ हो, बल्कि आपकी आदतों को भी समझता हो
OPPO का यह कदम स्मार्टफोन AI अनुभव को एक नई दिशा में ले जाने वाला साबित हो सकता है, जहां मशीन नहीं, बल्कि इंसान की ज़रूरतें केंद्र में हों
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